लकड़ी की छत वाला किला (जैसलमेर का सोनार गढ़ )
वैसे तो राजस्थान में बहुत से किले है जो अपनी अद्भुत विशेषता लिए लिए हुए है , पर राजस्थान के पश्चिम में स्थिन जैसलमेर जो थार मरुस्थल लिए प्रशिद्ध है | वह का सोनार गढ़ का किला अपनी विशिष्ट भवियता लिए हुए है | इस प्राचीन किले की छत लकड़ी की बनी है जो आज भी सुरक्षित है |
चलिए मैं आपको इस किले का इतिहास बताता हूँ | यह किलाचंद्रवशी भाटी राजपूतो की राजधानी रहा है | इस किले का निर्माण भाटी रावल जैशल द्वारा करवाया गया था | रावल जैशल ने इस नीव 12 जुलाई 1155 ई. को रखी थी | उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी सालिवालक द्वित्य उस इसका अधिकांश निर्माण करवाया था यह किला त्रिकुटाकर्ति का बना हुआ है जिसमे 99 बुर्ज है |
यह दुर्ग पीले पत्थरो से बना है और इस के निर्माण में चुने का प्रयोग नहीं किया है केवल पत्थर पर पत्थर रखकर ही चुना गया है | पीले पत्थरो से बना होने के कारण जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है तो सोने जैसा चंपकता है , इसी कारण इसे सोनार गढ़ कहा जाता है | इस किले की छत लकड़ी की बनी है |
इतना पुराना होने के बावजूद इसकी छत आज भी सुरक्षित है | कहा जाता है की इसके निर्माण के समय इसके छत और दरवाजे की लकड़ी पर गोमूत्र का लेप किया गया था , इसी कारण भी सुरक्षित है |
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